How To Know If Your Kid Is Introvert Or Extrovert? : बहुत ही ख़ुशी वाली फीलिंग होती है - माँ-बाप बनना, लेकिन असली चैलेंजेस तो बच्चे के जनम के बाद शुरू होते हैं। जब बच्चा बड़ा होता है, तब हमें उसका स्वभाव, ज़रूरतों, इंट्रेस्ट्स आदि को खुद ही समझना पड़ता है।
जानें आपका बच्चा इंट्रोवर्ट है या एक्सट्रोवर्ट
बच्चों का नेचर आम तौर पर दो तरह का हो सकता है - इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट। इंट्रोवर्ट बच्चा शांत स्वभाव और कम बात करने वाला होता है। इस बच्चे के कुछ गिने-चुने फ्रेंड होते हैं जो उसके फेवरेट होते हैं और यह अकेलापन ज़्यादा पसंद करता है। एक्सट्रोवर्ट बच्चे ज़्यादातर चुलबुले होते हैं और ये बहुत सारी बातें करते हैं। इन बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा फ्रेंड बनाना अच्छा लगता है और अकेलापन तो इन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं। आइए जानते हैं कि कैसे पहचानें अपने बच्चे को कि वे इंट्रोवर्ट हैं या एक्सट्रोवर्ट।
1. बोलने और सुनने में अंतर
इंट्रोवर्ट बच्चा खुद कम बोलता है और आपकी बात ज़्यादा सुनेगा जबकि एक्सट्रोवर्ट बच्चा अपनी बात खुल कर बोलेगा और दूसरे की कम ही सुनेगा। ज़्यादातर चुप रहने की वजह से इंट्रोवर्ट बच्चे को 'शर्मीला' या 'shy' का टैग भी दे दिया जाता है, वहीं ज़्यादा बोलने वाले बच्चे को 'बड़बोला' भी कह दिया जाता है।
2. नए फ्रेंड बनाने की कला
फ्रेंड बनाने में इंट्रोवर्ट के मुकाबले एक्सट्रोवर्ट बच्चे काफी तेज़ होते हैं। इन्हें नए फ्रेंड बनाना, उनसे बातें करना अच्छा लगता है। इंट्रोवर्ट बच्चों के तो एक या दो ही फेवरेट पर्सन्स होते हैं। वे उन्हीं के साथ बात कर पाते हैं। किसी नए इंसान के साथ बात करने में उन्हें हिचकिचाहट होती है।
3. पब्लिक प्लेस पर
पब्लिक प्लेस पर इंट्रोवर्ट बच्चे ज़यादा देर कम्फर्ट फील नहीं कर पाते। ये बच्चे ज़्यादा लोगों में जल्दी थक जाते हैं और इन्हें अपने कम्फर्ट जोन में रहना ही पसंद होता है। एक्सट्रोवर्ट बच्चे पार्टीज़, इवेंट्स में ख़ुशी और एनर्जी महसूस करते हैं और पब्लिक प्लेस पर भी वे प्रॉपर कॉंफिडेंट रहते हैं।
4. ऑब्जरवेशन
इंट्रोवर्ट बच्चों की ऑब्जरवेशन बहुत अच्छी होती है। ये बच्चे नए माहौल या पर्सन के साथ मिक्स होने से पहले उसे ओब्सर्व करते हैं उसके बाद ही रियेक्ट करते हैं। एक्सट्रोवर्ट बच्चे किसी भी नए माहौल या इंसान के साथ आसानी से घुल-मिल जाते हैं।
इम्पोर्टेन्ट यह नहीं है कि आपका बच्चा इंट्रोवर्ट है या एक्सट्रोवर्ट, बल्कि ज़रूरी है अपने बच्चे के असल नेचर को आसानी से समझ पाना और उसे सही तरीके से ट्रीट करना। जब आप अपने बच्चे के टेस्ट, प्रैफरेंसेज़ और इंटरेस्ट समझ लेंगे तो आप उनके सबसे अच्छे फ्रेंड बन पाएंगे।